16.5.09

अखाड़ों में कई बार ये साबित हो चुका है कि ताल ठोंक कर खम भर के कोई गामा नहीं हो जाता. पल-पल में पोजिशन बदलने में माहिर कुनबे के लोग पता नहीं किस भ्रम में थे कि वे देश में 'निर्णायक' सरकार की स्‍थापना करके ही दम लेंगे. जनता ने एक बटन दबा कर साबित कर दिया कि हड़बोलवा आखिर हड़बोलवा ही होता है.


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